वंदे गंगा जल अभियान बना जन आंदोलन: पशुओं से लेकर पर्यावरण तक, डूंगरपुर में जागरूकता और सेवा का अनूठा संगम
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वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान डूंगरपुर में जल संवर्धन के साथ पशुओं के लिए वरदान बन रहा है। पशुपालन विभाग ने गौशालाओं व पशु चिकित्सा केंद्रों में सफाई अभियान चलाया। जल व्यवस्था व हिटवेव से बचाव के उपायों पर चर्चा कर जनसहभागिता से स्वच्छता और जल संरक्षण का संदेश दिया गया।
डूंगरपुर। राज्य सरकार की पहल पर चल रहे "वंदे गंगा जल अभियान" के तहत डूंगरपुर जिले में व्यापक स्तर पर जल संरक्षण, स्वच्छता और पशु सेवा से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत पशुपालन विभाग, गौ सेवा समितियों, नगरपालिका, जनप्रतिनिधियों और जन सामान्य की भागीदारी से समर्पित कार्य हो रहे हैं, जो इसे एक जन आंदोलन का स्वरूप दे रहे हैं।
गौशालाओं में सफाई अभियान और जल की व्यवस्था
अभियान के तहत जिले की सभी गौशालाओं, पशु चिकित्सालयों और पशु शिविरों में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। गर्मी और हीटवेव की स्थिति को देखते हुए पशुओं के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की गई। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने निर्देश दिए कि सभी स्थलों पर छायादार स्थान, टंकी भरने की व्यवस्था, और जलदाय विभाग के समन्वय से निरंतर जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

पशु कल्याण को प्राथमिकता-
इस अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य पशु कल्याण है। तेज़ गर्मी में पशु अक्सर पानी और छाया के अभाव में पीड़ित होते हैं। इसलिए वंदे गंगा जल अभियान में उन्हें केंद्र में रखकर योजनाबद्ध ढंग से राहत कार्य किए जा रहे हैं। गौ सेवा समितियों को भी सक्रिय रूप से जोड़ा गया है।
जागरूकता रैली और जन भागीदारी-
ग्राम पंचायत स्तर पर जल संरक्षण को लेकर जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक और हस्ताक्षर अभियान भी चलाए जा रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को जल का महत्व समझाते हुए 'जल बचाओ जीवन बचाओ' जैसे नारों के साथ प्रेरणात्मक कार्यक्रम किए गए।
जल संरक्षण - आने वाली पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी-
अभियान का केंद्रीय संदेश है कि जल केवल आज की नहीं, आने वाली पीढ़ियों की धरोहर है।
यदि आज जल बचाया गया तो कल जीवन बचेगा। इसलिए जल के प्रति सजगता, सादगी और सतर्कता ही समाधान है।
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जनप्रतिनिधियों की भूमिका और समाज का योगदान -
विभिन्न स्थानों पर नगरपालिका, पंचायत समिति और जिला परिषद के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। कई स्वयंसेवी संस्थाओं और युवाओं के समूहों ने श्रमदान कर सार्वजनिक जल स्रोतों की सफाई की और 'वॉटर बाउल' अभियान के तहत पशुओं के लिए पानी के पात्र रखवाए।
एकात्म दृष्टिकोण – जल, जीवन और जीव
अभियान का सबसे खास पक्ष यह है कि यह केवल जल पर नहीं, बल्कि जीवन से जुड़े सभी पहलुओं – पर्यावरण, पशु और मानव – के संरक्षण पर केंद्रित है। यह एकात्म दृष्टिकोण हमारे भारतीय संस्कृति के 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' के भाव को साकार करता है।
पशुपालन विभाग की अपील
डॉ. गोविंदलाल मीणा, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग डूंगरपुर ने बताया कि आगामी दिनों में भी यह अभियान चलता रहेगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे अपने आसपास के पशुओं को पानी उपलब्ध कराएं, उन्हें छाया में रखें, और गौशालाओं की मदद करें।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो
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