भीलूड़ा की समस्याओं को लेकर प्रतिनिधिमंडल पहुंचा कलेक्टर के पास, बावड़ियों के जीर्णोद्धार और पेयजल पाइपलाइन बदलने की मांग, कलेक्टर से की मुलाकात

- प्राचीन बावड़ियों (रूपण व बला बावड़ी) के जीर्णोद्धार और गहराईकरण की मांग
- 50 साल पुरानी पेयजल पाइपलाइन बदलकर "हर घर नल योजना" लागू करने की अपील
- खंडहर पड़े सरकारी भवनों को पंचायत को हैंडओवर करने की मांग
- गंदा व मटमैला पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, बारिश के मौसम में गंभीर संकट
- कलेक्टर अंकित कुमार सिंह से मुलाकात कर समस्या समाधान की गुहार
डूंगरपुर। भीलूड़ा गांव की लंबे समय से अनदेखी की जा रही ज्वलंत समस्याओं को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने गांव की तीन प्रमुख समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल संकट गंभीर बना हुआ है। बरसात के दिनों में गंदा और मटमैला पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं। ऐसे में गांव की प्राचीन बावड़ियाँ रूपण बावड़ी और बला बावड़ी का जीर्णोद्धार और गहराईकरण कर इन्हें पेयजल स्रोत के रूप में पुनः उपयोगी बनाया जाए। इसके साथ ही, गांव में करीब 50 साल पुरानी पेयजल पाइपलाइन आज भी उपयोग में है, जो जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीणों ने मांग की कि गांव में नई पाइपलाइन डलवाकर घर-घर नल योजना को शीघ्र लागू किया जाए। तीसरी प्रमुख मांग गांव में वर्षों से जर्जर हालत में पड़े पुराने सरकारी भवनों को पंचायत को हैंडओवर करने की रही, ताकि उनका उपयोग सार्वजनिक कार्यों में हो सके। प्रतिनिधिमंडल में नरेंद्र पंड्या, लक्ष्मण पंचाल, सुनील पंड्या, विनोद पंड्या, पुरुषोत्तम पंड्या, नरेंद्र भगत, हेमेन्द्र जोशी, कमलाशंकर जोशी, भोगीलाल सुथार, मानशंकर भट्ट, मांगीलाल भट्ट, डायलाल पंचाल, दिनेश पंचाल, अशोक पाठक, प्रकाश पंचाल, मंगलजी पाटीदार, रमेश पाटीदार, जगदीश भगत सहित कई ग्रामीण शामिल रहे।