सरकार नियमों में बदलाव करे, तब ही किसान करवाएंगे फसल बीमा: किसान संगठन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर किसानों में नाराजगी गहराती जा रही है। किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार बीमा नियमों में बदलाव नहीं करती, तब तक किसान फसल बीमा नहीं करवाएंगे।
डूंगरपुर। संगठन ने बताया कि वर्ष 2023 में कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बीमा कंपनियों के साथ एक समझौता किया गया, जिसमें खड़ी फसल में नुकसान की स्थिति में क्लेम नहीं दिए जाने का प्रावधान रखा गया। इस वजह से अधिकतर किसान बीमा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जबकि किसानों को सर्वाधिक नुकसान बुआई से लेकर फसल कटाई तक के दौरान होता है। कभी अधिक बारिश से खेतों में जलभराव हो जाता है तो कभी सूखे की स्थिति बनती है जिससे फसल नष्ट हो जाती है।
किसानों का कहना है कि अन्य राज्यों में फसल बीमा योजना के तहत फसल पकने तक किसी भी समय हुए नुकसान पर क्लेम मिलता है, लेकिन राजस्थान में यह प्रावधान चुनाव से पहले हटा दिया गया, जिससे बीमा कंपनियों को फायदा हुआ और किसानों को नुकसान झेलना पड़ा।
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि कटाई के बाद नुकसान की संभावना बहुत कम (2 से 5 प्रतिशत) होती है। ऐसे में बीमा करवाकर किसान केवल कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे हैं। जब खड़ी फसल में नुकसान पर कोई लाभ नहीं मिल रहा तो बीमा कराने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
संगठन ने यह भी कहा कि नियमों में बदलाव की मांग पिछले दो वर्षों से भाजपा सरकार से की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अतः किसानों से अपील की गई है कि जब तक खड़ी फसल पर बीमा क्लेम की व्यवस्था पुनः लागू नहीं की जाती, तब तक फसल बीमा न करवाएं।


