ना शर्माना, ना घबराना, टीबी की जांच करवाना – वागड़ के अमित शाह का नारा राष्ट्रीय स्तर पर चयनित

- देशभर से आई 1,114 प्रविष्टियों में से राष्ट्रीय स्तर पर चयनित।
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अमित शाह को प्रशंसा-पत्र प्रदान किया गया।
- चयन समिति ने इस नारे को स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए अत्यधिक प्रभावशाली माना।
बांसवाड़ा । स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन के लिए देशभर में आयोजित नारा लेखन प्रतियोगिता में हाल बांसवाड़ा निवासी अमित शाह द्वारा रचित नारा "ना शर्माना, ना घबराना, टीबी की जांच करवाना" को देशभर से आई 1,114 प्रविष्टियों में से चयनित किया गया है। यह प्रतियोगिता 30 अगस्त 2024 से 30 सितंबर 2024 तक माइ जीओवी पोर्टल के माध्यम से आयोजित की गई थी, जिसमें देश के 25 से अधिक राज्यों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। चयन समिति द्वारा अमित शाह के नारे को स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रभावशाली माना गया और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से अमित शाह को प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा, "यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि मेरे शब्द अब देशवासियों को टीबी जैसी गंभीर बीमारी के प्रति सजग करने में सहायक बनेंगे। आगे भी मैं राष्ट्र निर्माण से जुड़ी रचनात्मक पहलों में अपना योगदान देता रहूंगा।" ज्ञात हो कि अमित शाह सामाजिक विषयों पर लेखन और रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से निरंतर सक्रिय रहते हैं। वह मूलतः डूंगरपुर जिले के है।