वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान: मोरन नदी के तट पर जनभागीदारी से हुआ आगाज

"जल ही जीवन है, और इस सोच को धरातल पर लाने के लिए जनसहभागिता सबसे जरूरी है। 'वंदे गंगा' अभियान इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
डूंगरपुर। वागड़ अंचल की जीवनदायिनी मोरन नदी को पुनर्जीवन देने और जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 'वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान' का भव्य आयोजन गुरुवार को खड़गदा स्थित मोरन नदी तट पर किया गया। आयोजन का नेतृत्व पंचायत समिति सागवाड़ा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक शंकरलाल डेचा ने की, जबकि उपखंड अधिकारी बाबूलाल जाट और विकास अधिकारी भरत कलाल, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक रणोली, पुलिस उपअधीक्षक रूपसिंह, खडगदा ग्राम पंचायत सरपंच सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
.jpeg)
अभियान की शुरुआत अतिथियों द्वारा मोरन नदी में 'गंगा स्वरूप जल पूजन' से हुई। इस दौरान नदी को माँ गंगा का प्रतीक मानते हुए श्रद्धा के साथ जल संरक्षण का संदेश दिया गया। साथ ही आमजन और महिलाओं ने मोरन नदी के जल को कलशों में भरकर कलश यात्रा निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान अतिथियों और ग्रामीणों ने नदी किनारे पौधरोपण कर हरियाली और जल जीवन संरक्षण का संदेश दिया।

ग्रामीणों ने बताया कि हमने आज मोरन नदी के जल को कलश में भरकर यात्रा निकाली। यह हमारे लिए सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि जल बचाने का संकल्प है। जब हम जल की अहमियत समझेंगे, तभी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित जल दे सकेंगे।"
.jpeg)
वही उपखंड अधिकारी बाबूलाल जाट ने बताया कि "जल ही जीवन है, और इस सोच को धरातल पर लाने के लिए जनसहभागिता सबसे जरूरी है। 'वंदे गंगा' अभियान इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आज हमने मोरन नदी में जल पूजन कर, आमजन को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। प्रशासन की तरफ से हम हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
.jpeg)
कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित जनसमूह को जल बचाने, वर्षा जल संग्रहण करने और जल स्रोतों की स्वच्छता बनाए रखने की शपथ भी दिलाई गई। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस संकल्प में सहभागिता कर जल संरक्षण आंदोलन को जनआंदोलन का रूप देने की प्रतिबद्धता जताई।
Related Posts
Latest News
