सागवाड़ा: मानस मंडल सेवा संस्थान का 740वां सुंदरकांड पाठ, तन पर भस्मी रमावे… भजनों से गूंज उठा बरबोदनिया
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सागवाड़ा के मानस मंडल सेवा संस्थान द्वारा आयोजित 740वें संगीतमय सुंदरकांड पाठ व भजन संध्या का आयोजन बरबोदनिया गांव में यजमान कचरू पूंजोत के निवास पर हुआ। भजनों, वंदनाओं और आरती के साथ आयोजन पूर्ण हुआ। हनुमान चालीसा पाठ और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
सागवाड़ा। नगर के मानस मंडल सेवा संस्थान की ओर से प्रति शनिवार आयोजित किए जाने वाले संगीतमय सुंदरकांड पाठ व भजन संध्या का 740वां आयोजन इस बार बरबोदनिया गांव में यजमान कचरू पूंजोत के निवास स्थान पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में यजमान कचरूजी ने भगवान श्रीराम और जितेन्द्र पूंजोत ने हनुमानजी का पूजन किया। जितेन्द्र सुथार ने गणपति वंदना और राहुल भगत ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके पश्चात सभी ने ‘राष्ट्रदेवो भव’ की भावना के साथ सामूहिक राष्ट्रगान किया। भरत भट्ट ने हनुमानजी का आव्हान किया, जिसके बाद जितेन्द्र भट्ट व बालमुकुंद भट्ट ने सुंदरकांड की चौपाइयों का गायन किया। मंडल की ओर से जितेन्द्र भट्ट व जगदीश सुथार ने यजमान परिवार का उपरना ओढ़ाकर सम्मान किया।

भजनों की श्रंखला में मंडल अध्यक्ष किशोर भावसार ने "भोला भांग धतूरा खावे तन पर भस्मी रमावे...", जुगल किशोर सोनी ने "सुंदरकांड करे जो कोई हनुमंत खुश हो जाए...", चेतन गोगरोत ने "बजरंगबली मेरी नाव चली...", प्रीतम पंचाल ने "मारो बेड़ों लगा दीजो पार..." और नकुल गोगरोत ने "आवी सोना नि नगरी वारो देव..." जैसे भक्ति रस में डूबे भजन प्रस्तुत किए। विनायक पंचाल व रुद्र नीरज ने ढोलक पर और उत्तम पंचाल, मनोज शर्मा, निलेश गामोट, ललित मिस्त्री, रोशन गामोट ने अन्य वाद्ययंत्रों पर संगत दी। नरेश भट्ट शिवलहरी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में यजमान परिवार ने भगवान की आरती उतारी और प्रसाद वितरण किया। इस अवसर पर भूपेश गामोट, विष्णु एकोत, गोपाल, विनायक, कुलदीप फलोत, भरतलाल पंचाल, दिलीप जोशी, चंदूलाल, हेतलाल, मानशंकर, लालशंकर सहित आसपास के दर्जनों धर्मप्रेमी उपस्थित रहे।
Edited By: कुलदीप सिंह (संवाददाता)