"मेरे दरवाज़े पर हनुमान का पहरा होता है..." रामायण पाठ में भजनों पर झूमे श्रद्धालु
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शनिवार को श्री रामेश्वर भक्त मंडल द्वारा पुनर्वास कॉलोनी में रामायण मनका 108 का 77वां पाठ आयोजित हुआ। हनुमान चालीसा, भजनों और शिव तांडव की भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने माहौल भक्तिमय कर दिया। बाल कलाकार वीर पंचाल की प्रस्तुति सराही गई। अंत में आरती व प्रसाद वितरण हुआ।
सागवाड़ा। शनिवार शाम श्री रामेश्वर भक्त मंडल द्वारा रामायण मनका 108 का 77वां पाठ पुनर्वास कॉलोनी स्थित यजमान लालचंद पिता ज्युईताजी पंचाल के निवास पर श्रद्धा और भक्ति भाव से आयोजित किया गया। पाठ की शुरुआत मानस शर्मा द्वारा मंत्रोच्चार व प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना से हुई। यजमान लालचंद पंचाल ने तिलक कर दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद नरेश सेवक ने गुरु वंदना, चिराग भोई ने सरस्वती वंदना और जय भोई ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। मयंक भोई ने हनुमान जी का आव्हान कर उन्हें आसन पर विराजमान कराया और पाठ की शुरुआत की।

रामायण पाठ का वाचन नयन भोई, विस्मय भोई, निरज शर्मा, दिलीप भोई, ज्योति भोई, तमन्ना भोई, पिंकी भोई और पुष्पा भोई ने किया। हनुमान चालीसा का पाठ मुकेश भोई, राजेश भोई, विशाल भोई और अजय भोई ने किया। भक्ति रस से सराबोर भजनों की प्रस्तुति में अजय भोई ने "जब-जब संकट का मेरे सिर पर घेरा होता है, मेरे दरवाजे पर हनुमान का पहरा होता है..." प्रीतम भोई ने "अंजनी का लाला बड़ा मतवाला..." विशाल भोई ने "छोटी-छोटी गैया..." जैसे भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

बाल कलाकार वीर पंचाल (पुत्र प्रदीप पंचाल, निवासी ठाकरड़ा) ने शिव तांडव स्तोत्र की अद्भुत प्रस्तुति दी और "दुनिया में देव हजारों हैं, बजरंगबली का क्या कहना..." भजन गाकर सबका मन मोह लिया। मंडल अध्यक्ष राजेश भोई ने उन्हें उपरना ओढ़ाकर सम्मानित किया। वाद्य यंत्रों पर संगत रघुवीर भोई (ढोलक), आयुष राठौड़, बिट्टू भोई, मोहित भाटी और अनिराज भाटी (मंजीरा व अन्य वाद्य) ने दी। पाठ के अंत में आरती और फल-प्रसाद का वितरण हुआ। डॉ. गौरीशंकर कोलखंड्या ने मंडल की निरंतरता की सराहना करते हुए आयोजन को सभी सनातनी भक्तों के लिए प्रेरणादायक बताया। इस अवसर पर गणेशलाल पंचाल (भासौर), मुकेश पंचाल, कल्पेश सुथार, ईश्वरलाल पंचाल, प्रदीप पंचाल, चिराग सोमपुरा, राकेश भावसार सहित अनेक श्रद्धालु एवं महिलाएं उपस्थित रहीं।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो