सागवाड़ा में पूर्व साक्षरता प्रेरकों ने विधायक और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा, अनुभव को मिले मान्यता की मांग
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पूर्व साक्षरता प्रेरकों ने अटल सेवा प्रेरक भर्ती में अनुभव के आधार पर प्राथमिकता और समायोजन की मांग को लेकर विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
सागवाड़ा। सागवाड़ा ब्लॉक के पूर्व महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं वाचनालय साक्षरता प्रेरकों ने राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित अटल सेवा प्रेरक भर्ती प्रक्रिया में अनुभव के आधार पर प्राथमिकता और समायोजन की मांग को लेकर गुरुवार को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर सैकड़ों पूर्व प्रेरक एकजुट होकर सागवाड़ा विधायक शंकरलाल डेचा, उपखंड अधिकारी तथा विकास अधिकारी कार्यालय पहुंचे।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्ष 2003 से 2018 तक राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं वाचनालय योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पुरुष और एक महिला प्रेरक को नियुक्त किया गया था। ये प्रेरक 10 जुलाई 2003 से 31 मार्च 2018 तक प्रदेशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालय संचालन, साक्षरता प्रसार, सामाजिक जागरूकता और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। लेकिन 31 मार्च 2018 को सरकार द्वारा योजना को अचानक बंद कर दिए जाने से हजारों प्रेरक बेरोजगार हो गए। इसके बावजूद इन प्रेरकों ने अपने अनुभव, सेवा भावना और सामाजिक जुड़ाव को बनाए रखा।

अब जब राजस्थान सरकार ने 11,000 अटल सेवा प्रेरकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की है, तो शासन सचिवालय द्वारा संशोधित दिशा-निर्देशों में पूर्व प्रेरकों के अनुभव को प्राथमिकता देने की बात स्पष्ट रूप से कही गई है। इसी क्रम में टीएसपी (अनुसूचित जनजाति क्षेत्र) क्षेत्र के विशेष सामाजिक-सांस्कृतिक और शैक्षिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए ज्ञापन के माध्यम से सरकार से अपील की गई कि पूर्व प्रेरकों को अनुभव के आधार पर प्रथम प्राथमिकता दी जाए और समायोजन की स्पष्ट नीति लागू की जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष दशरथ सिंह परमार, सागवाड़ा ब्लॉक अध्यक्ष गौतमलाल यादव, चिखली ब्लॉक अध्यक्ष राजमल कटारा, क्रांतीलाल परमार, दिनेश बलाई, आनंद डेंडोर, नरेंद्र यादव, धनेश्वर डोडियार, हर्षा यादव, नीलम सेवक, कुसुम यादव, राजमल, लालशंकर समेत बड़ी संख्या में पूर्व प्रेरक मौजूद रहे।

पूर्व प्रेरकों ने कहा कि अटल सेवा प्रेरक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने पूर्व में ग्रामीण विकास, साक्षरता और सामाजिक सेवा में वर्षों तक काम किया है। इससे एक ओर अनुभव का लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर समाज में सेवा की भावना को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पूर्व प्रेरकों ने चेताया कि यदि अनुभव की अनदेखी हुई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपते समय प्रेरकों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार द्वारा पूर्व प्रेरकों को दरकिनार किया गया, तो वे लोकतांत्रिक ढंग से प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो