भीलूड़ा NH-927 पर दो बाइकों की भीषण भिड़ंत: पांच दिन पहले मुंबई से घर लौटे युवक की दर्दनाक मौत, दो गंभीर घायल
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सागवाड़ा के भीलूड़ा NH-927 पर दो बाइकों की भिड़ंत में संतोष जोगी की मौत, दो गंभीर घायल। हाल ही में मुंबई से लौटा था, दो मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया।
सागवाड़ा। डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा भीलूड़ा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 927 पर उस वक्त हुआ जब दो बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई।
हादसे में मृतक युवक की पहचान भीलूड़ा निवासी संतोष (30) पुत्र भेमजी जोगी के रूप में हुई है। संतोष हाल ही में मुंबई से अपने गांव लौटा था, जहां वह चाय की दुकान चलाकर परिवार का पेट पालता था। संतोष के माता-पिता का निधन उसके बचपन में ही हो गया था, जिसके बाद से पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। पांच दिन पहले ही वह गांव लौटा था ताकि कुछ दिन परिवार के साथ बिता सके, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

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टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों सड़क पर गिर पड़े
सागवाड़ा पुलिस के अनुसार, डोली निवासी कुलदीप (25) पुत्र मणिलाल मोर और गड़ा लालसिंह निवासी नरेंद्र डामोर (35) बाइक पर सवार होकर माही वगेरी की ओर से आ रहे थे। वहीं संतोष बस स्टैंड से अपने घर की ओर लौट रहा था। भीलूड़ा के तीन मोड़ के पास दोनों बाइकों में आमने-सामने जबरदस्त भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि तीनों युवक सड़क पर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए।
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ग्रामीणों की मदद से पहुंचाया अस्पताल, लेकिन बच नहीं सके संतोष
घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और पुलिस व एम्बुलेंस को सूचना दी। सागवाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को सागवाड़ा चिकित्सालय पहुंचाया। डॉक्टरों ने संतोष को मृत घोषित कर दिया, जबकि कुलदीप और नरेंद्र को गंभीर हालत में रेफर किया गया है। वही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है

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दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया
संतोष की असमय मौत से गांव में शोक की लहर है। संतोष अपने पीछे तीन साल की बेटी और दो साल के बेटे को छोड़ गया है। परिवार पहले ही माता-पिता को खो चुका था, अब बच्चों के सिर से पिता का भी साया उठ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि संतोष बेहद मेहनती और जिम्मेदार युवक था, जो अकेले अपने पूरे परिवार का सहारा था।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो