किसानों की मांग : मक्का की जगह सोयाबीन के बीज वितरित करे सरकार, सभी को मिले बराबर सुविधा
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डूंगरपुर जिले में इस वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में मानसून की पहली बारिश की उम्मीद है। किसान खेतों की जुताई कर चुके हैं और अब बारिश की पहली बूंद के साथ ही खरीफ फसल की बुवाई शुरू कर देंगे। ऐसे में जिले के 90% किसान मक्का की बजाय अब सोयाबीन की खेती करना पसंद कर रहे हैं।
डूंगरपुर। हर वर्ष राज्य सरकार एवं कृषि विभाग द्वारा किसानों को निशुल्क मक्का के बीज किट वितरित किए जाते हैं, लेकिन बदलते कृषि रुझानों को देखते हुए अब यह मांग उठ रही है कि किसानों को मक्का की जगह सोयाबीन के बीज किट दिए जाएं।
भारतीय किसान संघ के लल्लु राम बिजोला ने सरकार से निवेदन करते हुए कहा है कि, “किसानों की बदलती जरूरतों के अनुसार इस बार मक्का की जगह सोयाबीन के बीज वितरित किए जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी किसानों को जाति या धर्म के भेद के बिना बीज किट उपलब्ध हो।"
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्षों में बीज वितरण केवल कुछ चुने हुए किसानों को फोटो खिंचवाने तक सीमित रहा है, जबकि धरातल पर अधिकांश किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो पाता, जिससे वे महंगे दामों में बाहर से बीज खरीदने को मजबूर होते हैं।
रासायनिक खाद की कमी भी बनी बड़ी समस्या
डूंगरपुर जिले की सहकारी समितियों में समय पर रासायनिक खाद, जैसे यूरिया और डीएपी की उपलब्धता भी पिछले 5 वर्षों से बड़ी समस्या बनी हुई है। बिजोला ने बताया कि जिले की 80% समितियों में समय पर खाद नहीं मिलने से किसान बेहद परेशान हैं। भारतीय किसान संघ इस विषय में कई बार जिला कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदारों के माध्यम से सरकार तक ज्ञापन भेज चुका है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
ये है प्रमुख मांगे :
- मक्का की जगह सोयाबीन के बीज वितरित किए जाएं।
- सभी किसानों को समान रूप से बीज किट मिले।
- वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी हो और सभी गांवों तक पहुंचे।
- रासायनिक खाद समय पर उपलब्ध कराई जाए।
भारतीय किसान संघ ने राजस्थान सरकार, डूंगरपुर जिला प्रशासन और कृषि विभाग से मांग की है कि इस बार किसानों की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए समय पर बीज और खाद की व्यवस्था की जाए, जिससे खरीफ सीजन में किसान बिना बाधा के खेती कर सकें।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो