'वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान' में सभी विभाग तत्परता से कार्य करें : जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह
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डूंगरपुर जिले में "वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान" अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि समाज व शासन की संयुक्त जिम्मेदारी बन चुका है। प्रशासन की तत्परता, जनप्रतिनिधियों की सहभागिता और आमजन की भागीदारी से यह अभियान जिले में जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता का आदर्श मॉडल बन सकता है।
डूंगरपुर। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने शुक्रवार को 'वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान' Vande Ganga Jal Abhiyan Dungarpur के अंतर्गत चल रहे गतिविधियों की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे गंभीरता व समर्पण भाव से इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने यह निर्देश डीओआईटी वीसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों को दिए।

🔷 जन भागीदारी से बनाएं अभियान को सफल
जिला कलक्टर ने कहा कि अभियान की सफलता का आधार जन सहभागिता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिले भर में आयोजित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों – प्रभात फेरी, जन जागरूकता रैली, सामूहिक गोष्ठी आदि – में अधिक से अधिक आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। हर कार्यक्रम का स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि जल संरक्षण के प्रति चेतना जागृत हो।

🔷 कार्यक्रमों का GPS बेस्ड फोटो अपलोड अनिवार्य
कलक्टर सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी नियुक्त नोडल अधिकारी अपने विभाग के ग्राम पंचायत स्तर तक के कार्मिकों को निर्देशित करें कि वे नियत कार्यक्रमों का निष्पादन कर, GPS लोकेशन युक्त फोटो पोर्टल पर समय पर अपलोड करें। इसके लिए अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट कर मॉनिटरिंग और मूल्यांकन करना होगा।
🔷 वंदे गंगा जल अभियान के साथ अन्य योजनाओं की भी समीक्षा
वीसी के दौरान जिला कलक्टर ने गरीब मुक्त गांव योजना, हरियालो राजस्थान, स्वच्छता अभियान, जल शक्ति अभियान, ओपन जिम योजना, अमृत सरोवर, तथा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2 जैसे कार्यक्रमों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ये सभी अभियान आपस में जुड़े हुए हैं और एकात्मिक विकास दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं।

🔷 विभागीय समन्वय और डाटा अपलोडिंग पर विशेष ज़ोर
जिला कलक्टर ने प्रत्येक विभाग को निर्देशित किया कि वे आंतरिक समन्वय को मजबूत करें और किसी भी कार्यक्रम के बाद की गतिविधियों का विवरण पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करें। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
🔷 अधिकारियों की सहभागिता और उत्साह
वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, तथा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि जिले की पहचान एक "जल सचेत" क्षेत्र के रूप में बने, इसके लिए सभी को ईमानदारी से कार्य करना होगा।
Edited By: वागड़ संदेश ब्यूरो